कभी सुसाइड करना चाहते थे Mithun Chakraborty : गरीबी और संघर्ष की कहानी

Mithun Chakraborty का Bollywood करियर जितना चमकदार रहा है, उनकी जिंदगी में संघर्ष भी उतना ही बड़ा हिस्सा रहा है। उन्होंने गरीबी से निकलकर फिल्म इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल किया, लेकिन इस सफर में उन्हें कई चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मिथुन का जीवन एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर असंभव को संभव किया।

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Mithun Chakraborty

शुरुआती जीवन और गरीबी का दौर : Mithun Chakraborty

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Mithun Chakraborty का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, और बचपन में ही उन्हें गरीबी के कठिन हालात का सामना करना पड़ा। अपने परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए। बॉलीवुड में प्रवेश करना उनके लिए आसान नहीं था, और एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने अपने सपनों को छोड़ने का मन बना लिया था।

Mithun Chakraborty

सुसाइड का विचार और जीवन के मुश्किल दिन 

अपने संघर्ष के दिनों में मिथुन चक्रवर्ती ने कई बार आत्महत्या के बारे में सोचा। उन्होंने एक साक्षात्कार में यह बताया कि किस तरह गरीबी और असफलताओं ने उन्हें गहरे अवसाद में धकेल दिया था। उनके पास न तो खाने के लिए पैसे थे और न ही रहने के लिए कोई ठिकाना। इस कठिन समय में भी उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

बॉलीवुड में कदम और पहली फिल्म

मिथुन ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने 1976 में फिल्म मृगया के साथ बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके अभिनय को खूब सराहा गया, और उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर से नवाजा गया। यह उनके करियर का पहला बड़ा ब्रेक था, जिसने उनके लिए बॉलीवुड के दरवाजे खोल दिए।

Mithun Chakraborty ने संघर्ष के दिनों में सीख और आत्मविश्वास 

मिथुन चक्रवर्ती का मानना है कि उनके संघर्ष के दिनों ने उन्हें कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता का महत्व सिखाया। उन्होंने कभी भी अपने संघर्ष से हार नहीं मानी और हर स्थिति का सामना दृढ़ता से किया। उनके आत्मविश्वास और मेहनत ने ही उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया और उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

कैसे बदले हालात?

अपने करियर के शुरुआती दिनों में मिथुन ने कई फिल्में कीं, लेकिन उन्हें पहचान 1982 में आई फिल्म डिस्को डांसर से मिली। इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात सुपरस्टार बना दिया, और उनकी प्रसिद्धि देश के कोने-कोने तक फैल गई। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा, प्यार झुकता नहीं, प्रेम प्रतिज्ञा और अग्निपथ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उनके अभिनय ने दर्शकों को प्रभावित किया और उन्हें बॉलीवुड का ‘डिस्को किंग’ कहा जाने लगा।

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जीवन का संदेश

Mithun Chakraborty की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं, अगर मेहनत और आत्मविश्वास के साथ उन्हें सामना किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि किसी भी संघर्ष से डरकर नहीं, बल्कि उसे जीतकर ही सफल हुआ जा सकता है।

मिथुन आज एक सफल अभिनेता होने के साथ-साथ एक सफल व्यवसायी भी हैं। उनका जीवन संघर्ष, सफलता और प्रेरणा की अनोखी कहानी है, जो आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

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